सावधान : सदर अस्पताल कोडरमा के पैथोलॉजी में जाँच करवा रहे तो रहे चौकन्ना, गलत रिपोर्ट आपके मरीज़ को साथ-साथ इलाज करने वाले चिकित्सक की भी मुसीबत बढ़ा सकती है ।



कोडरमा सदर अस्पताल के पैथोलॉजी सेंटर से मिलने वाले जाँच रिपोर्ट पर अब सवाल उठने लगे हैं, उठे भी क्यों ना जब मामला गंभीर हो और चिकित्सक जाँच रिपोर्ट देखकर सोचने पर मजबूर हो जाए की अब क्या करें, और फिर मजबूरन मरीज को निजी पैथोलॉजी से दुबारा जाँच कराने के लिए कह दिया जाए, तो सवाल उठना लाजिमी है।  

गौरतलब है की 4 अगस्त को मरकच्चो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पंचायत डगरनवां ग्राम नवडीहा निवासी रेखा देवी पति जितेंद्र कुमार राय को सिजेरियन ऑपरेशन से पहले सदर अस्पताल में चिकित्सक ब्लड चढ़ाने के लिए कहते है, परिजन डोनर लेकर सदर अस्पताल पहुँचता हैं, जहां सदर अस्पताल के पैथोलॉजी से मिले ब्लड रिपोर्ट को ब्लड बैंक में दिया जाता है जिसमें ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव बताया गया था, जब इसकी जाँच की गई तो वह गलत पाया गया, जिसके बाद काफी माथापच्ची हुई और फिर अंततः चिकित्सक परिजन को निजी पैथोलॉजी से ब्लड ग्रुप कराने के लिए कहते है, जहां जाँच में ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव बताया जाता है, जो की सही था।  इस पुरे मामले पर मरीज़ के पति जितेंद्र कुमार के द्वारा बताया गया, कि सदर अस्पताल में जाँच करने से पहले मैंने तिलैया में भी जाँच कराया था, जहां पर ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव ही बताया गया था, परंतु मुझे सदर अस्पताल से एबी पॉजिटिव का रिपोर्ट दिया गया, कम पढ़ा लिखा हूँ जानकारी नहीं है, मैं क्या करता, जितेंदर कुमार आगे बताते है की मेरी पत्नी की स्थिति ठीक है, लेकिन कमजोरी है, अगर ब्लड चढ़ जाता तो इतना कमजोरी नहीं होता। 



जब इस मामले पर लैब इंचार्ज ताकि अहमद व पैथोलॉजी के डॉक्टर नम्रता सेठ से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी साफ-साफ कुछ जवाब तो नहीं दिया, लेकिन उन्होंने यह जरुर कहा कि भीड़भाड़ ज्यादा होने के कारण ऐसा हुआ, सोचने वाली बात यह है कि भीड़भाड़ ज्यादा होने से क्या रिपोर्ट गलत दिया जा सकता है, जिससे मरीज की जान आफत में आ जाए ।  

दूसरा मामला 

जयनगर प्रखंड अंतर्गत हिरोडीह सहबाद निवासी चंदा कुमारी उम्र 24 वर्ष पति बसंत कुमार को सिजेरियन ऑपरेशन के लिए 5 अगस्त को सदर अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, जहां डॉक्टर के द्वारा उसे ब्लड जाँच कराने का निर्देश दिया जाता है, और फिर सिजेरियन ऑपरेशन होता है, सिजेरियन ऑपरेशन से पहले प्रसूता बिल्कुल स्वस्थ्य थी और सिजेरियन ऑपरेशन के बाद भी जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य है। परंतु बसंत कुमार काफी डरे हुए हैं, उनका कहना है कि ऑपरेशन के दिन जो ब्लड जाँच हुआ था, उसमें मेरी पत्नी का ब्लड शुगर 565mg/dl बता दिया गया, इसके बाद मैं, मेरी पत्नी और मेरे परिवार के अन्य सदस्य काफी चिंतित है। उन्होंने आगे बताया कि जब ब्लड शुगर 565 mg/dl है, तो ना तो अभी तक शुगर का दुबारा जाँच हुआ है, और ना ही कोई शुगर का दवा मेरी पत्नी को दिया गया है, जिससे और भी चिंता बढ़ गई है। 



जब इस मामले पर डॉक्टर अखिलेश कुमार दिनकर से बात की गई तो उन्होंने बताया इमरजेंसी में ब्लड शुगर ज्यादा होने पर शुगर को कंट्रोल कर ऑपरेशन किया जा सकता है, जब उन्हें बताया गया कि आपके द्वारा एक महिला का सिजेरियन ऑपरेशन ब्लड शुगर 565 mg/dl होने पर भी किया गया जबकि ना तो ऑपरेशन से पहले कोई शुगर का दवा दिया गया और ना ही ऑपरेशन के बाद, तब उन्होंने दबी जुबान ही सही लेकिन जाँच रिपोर्ट को ही गलत बताया और दोबारा जाँच करा कर देखने की बात कही।

आपको बता दें ऐसे मामलों में ऑपरेशन के समय एनेस्थीसिया देने वाले डॉक्टर की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है, इसे लेकर जब मैंने सदर अस्पताल के एनेस्थेटिक डॉक्टर संदीप कुमार से बात की और पूछा अगर किसी मरीज का ऑपरेशन किया जाना है, और ब्लड शुगर 550 mg/dl के करीब हो तो उस मरीज़ को एनेस्थीसिया देते समय क्या-क्या सावधानी बरतनी होगी, तब उन्होंने बताया कि सबसे पहले शुगर को कंट्रोल करना पड़ेगा, हमने पूछा कि कितना समय लगेगा शुगर कंट्रोल होने में, तो उन्होंने बताया तुरंत तो कंट्रोल होगा नहीं, 15 दिन या एक महीना भी लग सकता है, जब उनसे पूछा गया की सिजेरियन ऑपरेशन हो सदर अस्पताल में तब शुगर कंट्रोल होने में क्या समय लगेगा, तब उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, सिजेरियन ऑपरेशन जोखिम भरा है, ऐसे हालात में मरीज की जान भी जा सकती है, ऐसे मामलों में गाइनेकोलॉजिस्ट व सर्जन की राय अहम है, आगे एनेस्थेटिक डॉक्टर संदीप कुमार को जानकारी दी गई की 5 अगस्त को सदर अस्पताल में एक प्रसूता का सिजेरियन ऑपरेशन हुआ है, जिसका  ब्लड शुगर 565 mg/dl था, तब उन्होंने बताया की मै उक्त सिजेरियन ऑपरेशन में नहीं था। 

इस पूरे मामले से अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर रंजीत कुमार को अवगत कराया गया, उन्होंने फ़ौरी तौर पर लैब इंचार्ज ताकि अहमद को भर्ती सिजेरियन मरीज चंदा कुमारी का ब्लड शुगर जाँच करने को कहा और फिर उन्होंने बताया इस पूरे मामले की जांच की जाएगी तत्पश्चात आगे की कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा निश्चित रूप से लापरवाही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी, बताते चले अस्पताल उपाधीक्षक के ब्लड शुगर जाँच करने के निर्देश के बाद दुबारा शुगर जाँच किया गया, तत्पश्चात बसंत कुमार से मिली जानकारी के अनुसार पत्नी चंदा कुमारी का ब्लड शुगर नार्मल है।  

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