मुकदमें का मास्टर माइंड है पवन सिंह जिससे लड़ना हो उसके नाम पहले दर्ज कर लेता है सन्हा

 

पवन सिंह 

कोडरमा : आम आदमी के जीवन में अगर कोई घटना घटता है या फिर उसके साथ कुछ होता है तो वह ऊपर वाले की हाँथ में इन्साफ छोड़ता है, और अनायास यही कहता है कि तुम जो मेरे साथ किये हो उसका इन्साफ ऊपर वाला करेगा, परन्तु हम यहाँ एक ऐसे मास्टर माइंड व्यक्ति के बारे में बात करना चाहेंगे जो मुकदमा करने और मुकदमा की कबड्डी खेलने में मास्टर माइंड है, यह यक्ति पूरी योजनाबद्ध तरीके से लड़ाई करता है और उस लड़ाई के जीत की तैयारी पहले ही कर के रखता है, कुछ ऐसे ही मामले का उदाहरण इस खबर में आपको देखने को मिलेगा, कोडरमा के डोमचांच के तेतरियाडीह निवासी पवन सिंह पिता राजकिशोर सिंह मुकदमेबाजी में मास्टर माइंड व्यक्ति है,    यह व्यक्ति जिस किसी को अपने टारगेट में लेता है उसे पूरी तरह से बर्बाद करने और उसे सड़क पर लाने की योजना पूर्व से ही तैयार रखता है, इस इंसान से उलझना किसी भी व्यक्ति के लिए खतरे से खाली नहीं है, और इसके जाल में अक्सर सरकारी कर्मी फस जाते है आइए देखते है इसके बड़े बड़े कारनामे

केस संख्या 01

डोमचांच निवासी ओंकार विश्वकर्मा के घर का आने जाने वाला रास्ता पवन सिंह, विपिन बिहारी सिंह, प्रेमचंद सिंह , एवं अन्य के द्वारा जबरन बंद कर दिया गया, बंद करने की प्रक्रिया और जाँच प्रक्रिया जब तक चल रही थी तब पवन सिंह के द्वारा डोमचांच निवासी 1 ओंकार विश्वकर्मा  पिता हरेन्द्र विश्वकर्मा  2 दीपक सिन्हा पिता प्रशांत सिन्हा 3 श्यामदेव पासवान पिता सहदेव पासवान, एवं अन्य पर दिनांक 05/04/21  को कोडरमा न्यायालय में उक्त लोगो के खिलाफ सन्हा दर्ज करवाता है और न्यायालय को बताता है कि उसे इन लोगो से जान का खतरा है, जिसके कुछ दिन बीतने के बाद कोडरमा न्यायालय में परिवाद संख्या 1369/21 डालता है और उस वाद में बताता है कि उक्त लोग हमसे 5 लाख रंगदारी मांग रहे थे नहीं देने पर मार पीट किये, और वह न्यायालय को यह भी बताता है कि उसने उक्त लोगो के खिलाफ न्यायालय में सन्हा भी दर्ज करवा रखा है जिसना सन्हा संख्या 57/21 एवं 290/21 दर्ज है |

केस संख्या 02

पवन सिंह के द्वारा पुनः दिनांक 10 अगस्त 2024 को  ओंकार विश्वकर्मा के घर में घुस कर मार पीट की जाती है और गाली गलौज पत्थर बाजी की जाती है, जिसमे पवन सिंह, प्रेमचंद सिंह, नीलकंठ सिंह, विपिन बिरेन्द्र सिंह, इत्यादि सभी शामिल रहते है, इस घटना को अंजाम देने के बाद पवन सिंह के द्वारा 13 अगस्त 2024 को ओंकार विश्वकर्मा के खिलाफ पुनः एक सन्हा न्यायालय में डाला जाता है जो 3097/24 दर्ज होता है जिसमे बताता है की ओंकार विश्वकर्मा एवं उसकी पत्नी एवं 90 वर्षीय धर्मी देवी से उनके जान को खतरा है, जिस सदमे के बाद धरमी देवी का देहांत भी हो जाता है, इधर ओंकार विश्वकर्मा के द्वारा डोमचांच थाना में कार्यवाही के लिए आवेदन दिया जात है परन्तु स्थानीय पुलिस उक्त मामले में यह बताते हुए कार्यवाही नहीं करती है कि मामला विधि व्यवस्था भंग होने का है और वह मामला BNSS के धारा 126 के तहत कार्यवाही के लिए भेज दिया गया |

केस संख्या 03

पवन सिंह अपने केस में पहले से प्लान करके कार्य करने की योजना के तहत प्रदीप सिंह एवं उनके घर के सभी सदस्यों पर दिनांक 28/05/25 को सन्हा संख्या 2039/25 न्यायालय में दर्ज करवाता है, जिसमे प्रदीप सिंह एवं उसके घर के सदस्यों से अपने जान को खतरा बताता है, जिसके बाद प्रदीप सिंह  एवं उसके परिवार के साथ विवाद उतपन्न करता है जिसके बाद फिर डोमचांच थाना काण्ड  संख्या 45/25  अपनी बेटी के द्वारा दर्ज करवाता है जिसमे वह इस बात की जानकारी पुलिस को देता है की उसको पूर्व से ही प्रदीप सिंह से जान का खतरा था| जिसे ले कर वह न्यायालय में सन्हा भी दर्ज करवा चूका है |
 

यह तीन केस इस बात को समझने के लिए काफी है कि पवन सिंह केस मुक़दमे का मास्टर माइंड व्यक्ति है और किसी को भी इस तरह से फर्जी मुक़दमे से सोची समझी साजिश के तहत फंसा सकता है | और अपने केस में अनुसंधान करने वाले पदाधिकारी और न्यायालय को  भी पवन सिंह  की बाते सच्ची लग सकती है |

 

 खबर : बोल बिंदास डेस्क

   

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